Suffering From Sexual Disorder … Adopt Ayurveda

Now get your sexual disorder solution in Ayurveda and make your sexual life pleasurable

Men can be excited very easily so they are always ready for sexual intercourse. However, a lot of men also experience many different sexual conditions which can inhibit their libido, or cause them to perform unsatisfactory performance for their partner. Low sex drives, infertility, premature ejaculation, erectile dysfunction and semen infection are some of the common sex problems that men may experience. In Ayurved there are many herbal medicines for sex which are made from natural ingredients and can be safely used without any side effects and can treat all these problems, improve libido and allow for more pleasurable intercourse.

 

Five herbal medicines having magical power to treat sexual disorders …

 

Ginseng :- This herb ginseng is a medicine which is highly effective at treating men suffering from erectile dysfunction. Those who consumed the herb showed remarkable scores in comparison to those who were given a placebo. Ginseng’s benefits in the bedroom aren’t limited to men; women can also use the plant’s powerful root to fuel their sexual flames.

 

Maca :- Another herb maca was used as an important super food and medicine by the native Andean people due to its high nutritional value. It is used to enhance fertility and sexual performance. Through a recent study it is confirmed that maca improves the human sexual and also enhance sexual desires in them.

 

Ginkgo Biloba :- This plant have been one of the oldest surviving tree species on earth. As well as being a great source of antioxidants, it harbors the ability to enhance oxygen utilization and thus improve memory and concentration. Ginkgo is also a popular medicine which is an effective way to treat sexual dysfunction in human being. Through a recent research it is found that ginkgo biloba extract increases blood flow and has a relaxant effect on smooth muscle tissues.

 

Horny Goat Weed :- This perennial herb is believed to be an aphrodisiac and was administered in the treatment of sexual issues such as impotence and premature ejaculation. In 2008 , a lab study was done which confirmed that a compound found within the herb, epimedium, inhibits the action of an enzyme that restricts blood flow to the penis. This herb has a mechanism similar to drugs prescribed to treat erectile dysfunction.

 

 

Kava :- This herb is used recreationally and ceremonially in Western world due to its well researched ability to calm the nerves and reduce stress in both women and men. Kava can help to treat sexual dysfunction caused by self-induced mental issues. Kava is a great alternative to assist with the mental side of sexual issues. Users have described it as having a similar relaxant effect to alcohol, only without the feelings of intoxication.

 

मधुमेह हो सकता है जानलेवा … अब दूर करें इस रोग को आयुर्वेदिक उपचार द्वारा …

मेथी के चूर्ण से करें मधुमेह को कंट्रोल … जानिए कैसे

मधुमेह या डायबिटीज हाल के सालों में होने वाला सबसे खतरनाक जीवनशैली रोग माना जाता है। हर साल कई हजार लोग इससे प्रभावित होते हैं। किसी भी कार्य को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। शरीर को भी ऊर्जा की आवश्यकता होती है और शरीर इसकी पूर्ति, शरीर में उपलब्ध ग्लूकोज़ से करता है। भोजन शरीर में जाकर ग्लूकोज़ में परिवर्तित हो जाता है और ग्लूकोज़ रक्त में मिल जाता है। परन्तु मधुमेह रोगी शरीर में उपलब्ध ग्लूकोज़ का पूरा उपयोग नही कर पाता है। यदि सही समय पर उपचार नही किया जाये तो यह शरीर के महत्वपूर्ण अंगो के लिए काफी नुकसानदायक होती है। इसलिए आइयें जानें मधुमेह के बारें में जिसे लोग आम बोलचाल की भाषा मे शुगर भी कहते हैं।

 

मधुमेह के लक्षण

(Symptom Of Diabetes)

  • अत्यधिक प्यास लगना और बार बार पेशाब आना
  • जख्मों का जल्दी नही भरना और बार बार संक्रमण से प्रभावित होना
  • थकान महसूस होना
  • धुंधला दिखना
  • पैरो और हाथों में झनझनाहट होना
  • मसूड़ों में सूजन होना
  • वजन कम होना

मधुमेह के कई कारण होते हैं जैसे गलत जीवनशैली, मोटापा, अधिक मीठा खाना आदि। मधुमेह के जो कारण सबसे अधिक देखे जाते हैं वह निम्न हैं:

 

क्या हैं मधुमेह होने के कारण … जानिए  

(Causes of Diabetes )

  • मोटापा मधुमेह होने का सबसे बड़ा कारण है।
  • गर्भावस्था में रक्त में ग्लूकोज़ की अधिक मात्रा होना
  • रक्त वाहिका रोग होना
  • उच्च रक्त चाप और उच्च कोलेस्ट्रोल लेवल होना
  • प्री डायबिटिक होना
  • इसे खानदानी रोग भी कह सकते हैं । अगर परिवार में किसी को मधुमेह है या था तो सावधानी बरतने की ज़रूरत है।

मधुमेह का घरेलु इलाज

  • दिन में दो बार 1 चम्मच मेथी के पाउडर का सेवन पानी के साथ अवश्य करें।
  • दिन में एक बार 2 चम्मच कड़वी लौकी के रस को एक चम्मच आंवला के रास के साथ मिलकर कर सेवन करें।
  • दिन में एक बार 2 चम्मच करेले के रास का सेवन करें।

 

कैसे करें मधुमेह से बचाव और सावधानियाँ … जानिए

(Precautions for Diabetes)

  • प्रतिदिन एक घंटा व्यायाम जरूर करें।
  • अपने घर में प्रतिदिन मधुमेह का टेस्ट करें। रक्त में शुगर की मात्रा का ध्यान रखें।
  • इन्सुलिन इंजेक्शन को तैयार करना और स्वयं लगाना आना चाहिए।
  • एक इन्सुलिन पम्प साथ रखना।
  • कार्बोहाइड्रेट गिनती को ध्यान में रखना।
  • रक्तचाप कम होने पर मत्वपूर्ण जानकारी का ध्यान रखना

 

चमकती त्वचा पाने के लिए अपनाएं आसान आयुर्वेदिक नुस्खे … जानिये  उनके बारे में 

 हल्दी के लेप से दूर होते हैं मुहासे … जानिए कैसे 

बाज़ार में मिलने वाले मेहेंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स हमारी त्वचा को उपरी निखार देते हैं जबकि त्वचा की सही देखभाल प्राकृतिक तरीके से करने से हमारी सुंदरता बरकरार रह सकती है | केवल ज़रूरी यह है कि आयुर्वेदिक नुस्खों के असर और इस्तेमाल की जानकारी होनी चाहिए। इसमें न तो कोई साइड इफेक्ट का डर है और न ही किसी रिएक्शन का खतरा। चेहरे और त्वचा का सौन्दर्य, रंगत और कोमलता बढ़ाना चाहते हैं तो हमें प्राकृतिक सौन्दर्य प्रसाधन का इस्तेमाल करें | यदि आप घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खों को आजमाएंगे तो त्वचा में निखार और चमक आने के साथ-साथ त्वचा स्वस्थ भी बनी रहेगी। आइये जानते हैं क्या है सुन्दरता बढाने के आयुर्वेदिक उपाय |

चमकदार  त्वचा के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक नुस्खे … 

(Ayurvedic Tips for Glowing Skin)

 

हल्दी से हटायें मुहांसे :- हल्दी एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक एंटी-फंगल का काम करती है | इसके लेप से त्वचा पर मुहांसे, पिंपल और पिग्मेंटेशन नहीं होते हैं।

 

एलोवेरा से करें त्वचा की सुरक्षा :- एलोवेरा एक नेचुरल एंटी क्लिंजर माना जाता है । इसमें पाए जाने वाले एंटी इंफ्लेमटरी गुणोंके कारण त्वचा की बाहरी परत को सुरक्षा मिलती है। इसके इस्तेमाल से स्किन इंफेक्शन के कारण होने वाली जलन भी कम हो जाती है।

 

नीम की पत्ती से बनाएं त्वचा को चमकदार :- त्वचा के लिए नीम की पत्ती काफी कारगर औषधि का काम करती है। इससे त्वचा में प्राकृतिक निखार आता है। नीम की पत्ती के चूर्ण और पिसी हुई गुलाब की पंखुड़ी को नींबू के रस के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा में चमक आ जाती है।

 

नींबू से मिटायें झुर्रियां :- चेहरे पर नींबू का रस लगाने से चेहरे की झुर्रियां मित जाती है | आप निचोड़े गए नींबू के छिलके भी चेहरे पर कुछ दिन तक मल सकते हैं। मुंह धोते समय गालों को हथेलियों से थपथपाकर सुखाएं क्यूंकि इससे गालों में रक्त संचार बढ़ जाता है और झुर्रियां मिट जाती हैं।

 

चुकंदर चेहरे को बनाएगी गुलाबी :- चुकंदर का सेवन त्वचा में गुलाबी निखार लाता है। चुकंदर में काफी मात्रा में आइरन होता है, जिससे हीमोग्लोबिन मिलता है। इसे पीस कर चेहरे पर भी लगा सकते हैं। रोजाना इसे आजमाने से चेहरे पर गुलाबी निखार आता है।

 

गाजर का रस पीएं :- गाजर में एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है, एक ग्लास गाजर का रस रोज पिएं। इससे त्वचा में निखार आता है, झुर्रियां गायब होती हैं।

 

अब स्वस्थ त्वचा के लिए अपनाएं सरल आयुर्वेदिक नुस्खे ….. जानिये इनके बारे में

Ayurvedic Health Tips For Healthy Skin

त्वचा पानी, प्रोटीन, लिपिड, खनिज-लवण और रसायनों सहित कई विभिन्न घटकों से बना शरीर का सबसे बड़ा अंग है। स्किन का औसत वजन छह पाउंड होता है। स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए त्वचा की देखभाल करना भी जरूरी है। समय के साथ हमारी त्वचा में बदलाव दिखने लगते हैं। अधूरा पोषण, सूरज की किरणें, तनाव और प्रदूषण भी त्वचा की रंगत बिगाड़ते हैं और यह झुर्रियों का कारण बनते हैं।

 

स्वस्थ त्वचा पाने के लिए करें ये आयुर्वेदिक उपाय

(Ayurvedic Home Remedies for Healthy Skin)

 

विटामिन सी प्रचुर मात्रा में लें :- आधे कटे नींबू को त्वचा पर रगड़ने से आप त्वचा को उसकी सुरक्षा के लिए सीधे विटामिन सी की खुराक दे सकते हैं। सूरज की परा-बैंगनी किरणें त्वचा में विटामिन सी को नष्ट कर देती हैं। नींबू का रस इस नुकसान की भरपाई कर देता है।

 

सब्जी और चुकंदर का जूस पिएं :- सब्जियों का जूस जहां शरीर में पानी की कमी पूरी करता है वहीं एंटीऑक्सीडेंट्स भी प्रदान करता है। रोज कम से कम एक गिलास सब्जियों का रस पियें। चुकंदर का रस लिवर की सफाई के साथ-साथ स्किन के लिए भी अच्छा है।

 

हरे साग का सेवन करें :- स्किन को एक्ने (मुहांसों) की समस्या से दूर रखने के लिए एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर गहरे रंग की साग-सब्जियों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें, इनके सेवन से स्किन में गुलाबी निखार आयेगा, जो आपको आकर्षक बनायेगा।

 

बादाम का दूध पिएं :- दूध से प्रोटीन और बादाम से विटामिन डी मिलता है। यह शरीर के अन्य अंगों के साथ-साथ त्वचा को भी फायदा पहुंचाता है। डर्मेटोलॉजिस्ट कहते हैं कि खाली दूध पीने से मुंहासे हो सकते हैं। ऐसे में, दूध में बादाम मिलाकर पीना ही बेहतर होगा।

 

ठंडे पानी से नहाएं :- ठंडे पानी से नहाएं, या फिर पांच मिनट का शॉवर लेकर तीन मिनट के भीतर स्किन पर मॉइश्चराइजर लगाएं।

 

एक्सरसाइज करें :- अच्छी सेहत के लिए नियमित एक्सरसाइज सबसे ज्यादा जरूरी है। जॉगिंग करें या टहलें, इससे रक्त संचार सुधरता है, अतिरिक्ट फैट घटता है और स्किन के टॉक्सिंस भी बाहर निकल जाते हैं।

 

पर्याप्त नींद लें :- सिर्फ सोने के लिए नहीं सोएं। भरपूर नींद लें। इससे दिमाग रिलैक्स होगा और वजन भी नियंत्रित रहेगा। जब आप सोती हैं तो स्किन में नए कोलैजन बनते हैं, जो फ्री-रैडिकल डैमेज रिपेयर करते हैं।

यदि रूखी त्वचा बन गयी है आपकी चिंता का कारण … तो अब अपनाएं इस समस्या से निपटने के आयुर्वेदिक नुस्खे …

Ayurvedic treatment for Dry Skin

चेहरे की त्वचा का रुखा होना आपकी सुन्दरता पर दाग लगा देता है | अक्सर यह रुखापन सर्दियों के समय नज़र आता है | आयुर्वेद में ऐसे कई किफायती और केमिकल रहित उपाय हैं त्वचा को मुलायम, कोमल और सुंदर बनाते हैं। इन्हें जानने से पहले आइये उन कारणों के जानते हैं जो हमारी त्वचा को रुखा बनाते हैं।

 

क्यों आता है त्वचा में रुखापन… जानिये इसके कारण

(Causes of Dryness in Skin)

  • उम्र का बढ़ना
  • संतुलित भोजन न ग्रहण करना
  • अधिक तनाव लेना
  • मौसम में परिवर्तन होना
  • शरीर में वात का बढ़ जाना आदि

 

क्या हैं त्वचा में रुखेपन को दूर करने के आयुर्वेदिक नुस्खे … जानिये

(Ayurvedic Tips to curb Dryness in Skin) 

सब्जियों का सेवन करें :-पानी से भरी सब्जियों का सेवन करने से पाचन क्रिया आसान हो जाती हैं | लाभदायक सब्जियां जैसे गाजर, लौकी, खीरा, मूली आदि नियमित रूप से खाएं । ये सब्जियाँ त्रिदोषक होती हैं और हर प्रकार की त्वचा के लिए बहुत लाभदायक होती हैं। हमें प्रतिदिन कम से कम तीन सब्जियों का सेवन अवश्य करना चाहिए।

 

नियमित व्यायाम करें :- व्यायाम से हम शरीर में वात का बढ़ना रोक सकते हैं। यही नही, व्यायाम करने से हमारे शरीर के टॉक्सिन्स पसीने के रूप में बहार निकल जाते हैं, जो स्वतः अपने आप में त्वचा की चमक बरकरार रखने में महत्वपूर्ण होता है।

 

सीड्स और नट्स का नियमित सेवन करें :- आयुर्वेद में बताया जाता है की व्यक्ति को सीड्स और नट्स का सेवन भोजन के साथ अवश्य करना चहिये। ऐसा करने से त्वचा में अच्छा परिवर्तन आता है और वह साफ़ और कोमल दिखाई देती है। वात के कारण हमारी तवचा खुश्क हो जाती है परन्तु सीड्स और नट्स में ओमेगा 3 और प्राकृतिक फैट्स पाये जाने के कारण त्वचा की नमी बनी रहती है |

 

हर्बल चाय का इस्तेमाल करें :- वात से खुश्की बढ़ जाती है और नमी की कमी के कारण त्वचा की कोमलता नष्ट हो जाती है। इससे बचने के लिए हम गर्म पदार्थ जैसे हर्बल टी आदि का दिन में कई बार सेवन कर सकते हैं। अदरक और नींबू के मिश्रण से तैयार चाय का सेवन करने से त्वचा हमेशा चमकती रहती है। इससे पाचन भी ठीक रहता है।

 

जानिये उल्टी या उबकाई से बचने के आयुर्वेदिक उपाय …. और पाएं इस परेशानी से छुटकारा मिनटों में ….

Ayurvedic Home Remedies For Nausea

उल्टी या उबकाई आने के कई अरण हो सकते हैं परन्तु समय पर इसे रोकने के लिए कुछ घरेलू नुस्खों का पता होना हर व्यक्ति के लिए ज़रुरी होता है |आज हम आपके लिए ऐसे ही कुछ उपायों को लेकर आये हैं जिनके उपयोग से आप इस परेशानी से जल्द छुटकारा पा सकते हैं| आइये जाने इनके बारे में …

कैसे दूर करे उल्टी या उबकाई को … जानिये इसके घरेलु उपाय

  • अदरक व प्याज का रस दो चम्मच पिलाने से उल्टी बन्द हो जाती है।
  • लू बुखारा मुंह में चूसने से उल्टी में लाभ होता है।
  • प्याज के रस में शहद मिलाकर चाटने से उल्टी बन्द हो जाती है।
  • नींबू की शिकंजी पीने से उल्टी में आराम मिलता है।
  • हरी धनिया तथा पुदीने की चटनी बार-बार लेने से उल्टी में आराम मिलता है।
  • जी मिचलाना शुरू होने पर नींबू पीने से भी उल्टी नहीं होती है।
  • बार-बार उल्टियां होने पर आंवले का मुरब्बा खाने से आराम मिलता है।
  • एक कप पानी में10 ग्राम शहद मिलाकर पीने से उल्टी रुक जाती है।
  • मौसमी का रस निकालकर उसमें थोड़ा सेंधा नमक डालकर एक-एक घंटे से पीने से उल्टी में फ़ायदा होता है।

 

सावधानी

यदि इन उपर्युक्त घरेलू नुस्खों को अपनाने से मरीज़ को कोई फायदा नहीं हो रहा हो तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें | समय रहते मरीज़ को सही इलाज दें |

जानिये आयुर्वेद के अनुसार कैसे करें दमा से बचाव … घरेलु नुस्खों द्वारा (Ayurvedic treatment for Asthma)

अस्थमा एक ऐसा रोग है जिसमें रोगी को सांस का दौरा कभी भी सकता है। यह रोग जानलेवा भी हो सकता है। ऐसे में इससे बचने के उपायों के बारे में हर व्यक्ति को पता होना बेहद आवश्यक होता है। आज हम आपके लिए अस्थमा से बचने के कुछ सरल घरेलु उपाय लेकर आये हैं जो अब तक आयुर्वेद में छुपे थे |

 

अस्थमा के मरीज़ को किन बातों का रखना चाहिए ख्याल … जानिए

  • अस्थमा के रोगी किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचें।
  • धूल, धुंआ, रुई, जानवरों के पंख, बालों के सम्पर्क में आने से बचें।
  • झींकते, खांसते समय रुमाल का प्रयोग करें।
  • जुकाम या खांसी होने पर लापरवाही न बरतें, जल्द से जल्द उसका उपचार करें।
  • सुगंधित या कृत्रिम रासायनिक द्रव्यों जैसे परफ्यूम, डियो आदि से परहेज करें।
  • फूलों के परागकणों को सांस के साथ अंदर जाने से रोकें।

 

अस्थमा के मरीज़ को कैसे रखना है खान पान का ध्यान …. जानिये (Diet for Asthma patient by Ayurveda)

आयुर्वेद के अनुसार अस्थमा में खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए | जानिये कैसे …

  1. अस्थमा के रोगी के लिए मोटे पिसे आटे की रोटियां, दलिये की खिचड़ी लाभदायक है।
  2. हल्का और जल्दी पचने वाला भोजन जैसे मूंग, मसूर की दाल इत्यादि का सेवन करें।
  3. हमेशा पीने के लिए गर्म पानी का प्रयोग करेँ।
  4. लहसुन, अदरक, मेथी, सोया, परवल, लौकी तरोई, टिंडे आदि का प्रयोग भोजन में अधिक से अधिक करें।
  5. मुनक्का व खजूर का प्रयोग लाभदायक होता है।

अब पाएं जुकाम से बचने के घरेलु उपाय (Ayurvedic Tips for Common Cold)

 

सर्दियों के मौसम में जुखाम होना एक आम बात होती है | जिसके लिए हम कई घरेलु उपाय करते है जैसे अदरक की चाय पीना , तुलसी मुलैठी का काढा आदि | जुकाम कई प्रकार के वायरस आदि के संक्रमण से होता है। आज हम आपको जुखाम को दूर करने के लिए ऐसे ही कई घरेलु उपायों के बारे बताने जा रहे है जिनके प्रयोग से आप जुखाम से दूर रह सकते है |

 

क्या है जुखाम से निजाद पाने के आयुर्वेद उपाय … ज़रूर जानिए

  • अधिक ठंड या तेज धूप व बरसात में भीगने से बचें |
  • किसी भी चीज को खाने से पहले हाथों को अच्छे से धोना चाहिए।
  • गीले वस्त्र न पहनें।
  • सर्दी में गरम कपड़े पहनकर रहें तथा सर को हमेशा ढंक कर रखें।
  • भीड़-भाड़ वाले स्थान पर तथा धूल से बचाव के लिए मुंह व नाक पर रूमाल या मास्क लगा कर रखना चाहिए।
  • जिन चीजों से एलर्जी हो उनसे बचकर रहें।
  • जुकाम, खांसी, फ्लू, न्युमोनिया व इन्फ्लुएंजा के रोगी के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए।

 

जुखाम में रखें किन बातों का ध्यान … जानिये

  • जुकाम होने पर गरम व कम भोजन के साथ गर्म पानी का प्रयोग अवश्य करें।
  • संक्रमण रोकने वाले अनाज, नींबू, गोभी, गाजर, प्याज, लहसुन, मसाले, अंकुरित दालें तथा जिंक से भरपूर भोज्य पदार्थों का सेवन करें |
  • चिकनाई रहित तरल पदार्थ जैसे मूंग की दाल के पानी में अदरक, काली मिर्च, लौंग, हींग आदि डालकर पीने से जुकाम में अवश्य राहत मिलेगी।
  • दूध, दही, मट्ठा, ठंडे पेय पदार्थों आदि से परहेज करना चाहिए।
  • ठंडी के मौसम में सीधी व तेज हवाओं के संपर्क से बचना चाहिए।
  • गुस्से या मानसिक तनाव से दूर रहें।
  • धूम्रपान, धूल, धुंआ आदि से बचना चाहिए।
  • कही बाहर से आने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए।
  • कड़ी धूप से बचना चाहिए।

माइग्रेन में किये जाने वाले घरेलु उपाय

माइग्रेन, एक ऐसी बीमारी जिसके मरीज दुनियाभर में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हमारे देश में भी इसकी तादाद बढ़ती जा रही है। सबसे बड़ा कारण है भागदौड़ की जिंदगी। जो तनाव से तो भरपूर है पर उससे मुक्त होने के लिए हम कोई उपाय नहीं करते। बस यही सारी वजहें धीरे-धीरे माइग्रेन के रुप में बदलने लगती हैं।

माना जाता है कि जैसे ही आप सामान्य स्थिति से एकदम तनाव भरे माहौल में पहुंचते हैं तो सबसे पहले आपका सिर दर्द बढ़ता है। ब्लडप्रेशर हाई होने लगता है और लगातार ऐसी स्थितियां आपके सामने बनने लगे तो समझिए आप माइग्रेन के शिकार हो रहे हैं।

 

माइग्रेन से बचने के उपाय (Ayurvedic tips for Migraine Pain)

1.संतुलित व पौष्टिक आहार का प्रयोग करें।

2.भोजन का समय तय कर समयनुसार भोजन करें।

3.किसी भी बात का तनाव न ले और सकारात्मक विचार बनाए रखें।

4.अपनी पूरी नींद ले।

5.थकान महसूस होने पर विश्राम करें।

6.हल्के हाथ से सर में मालिश करें।

7.खुद को व्यस्त रखें और ऐसे काम जिससे आपका मन संतुष्ट हो।

8.किसी भी तरह के विवाद और तनाव से बचें। किसी से घमंड न करें।

 

बीमारी होने पर आहार का रखें ध्यान (Diet in Migraine)

माइग्रेन की शिकायत होने पर रोगी को अपने खाने पीने का विशेष ख्याल रखना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार माइग्रेन के रोगी को अपने खाने में निम्नलिखित चीजों का प्रयोग करना चाहिए-

1.संतुलित व पौष्टिक आहार ही खाएं।

2.देशी घी (विशेष तौर पर गाय के घी) से बना पदार्थ जैसे मालपुआ, जलेबी, हलुआ आदि का आधिक प्रयोग करें।

3.देशी घी में चीनी मिलाकर खाने से माइग्रेन में आराम मिलता है।

4.माइग्रेन होने पर ताजे फल व हरी सब्जियों का बहुत ज्यादा प्रयोग करें।

5.पौष्टिक तत्वों के लिए दूध, दलिया व पनीर का बहुत अधिक प्रयोग करें।

मूंगफली के स्वास्थ्यवर्धक लाभ जानकर आप रह जायेंगे दंग … जानिये कैसे मूंगफली रखती है आपकी त्वचा को हमेशा जवान

जानिये मूंगफली के स्वास्थ्यवर्धक लाभ और रखिये खुद को स्वस्थ …जानिए कैसे

मूंगफली हम सबका सबसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थ है जिसे समूह में बैठकर खाने का एक अलग ही मज़ा है | सर्दियों में मूंगफली सस्ते बादाम के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसमें लगभग वे सारे तत्व पाए जाते हैं जो बादाम में पाए जाते हैं | इसकी अपनी एक अलग मिठास होती है | मूंगफली में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और जिंक भी पाए जाते हैं जो शारीरिक वृद्धि के लिए बहुत जरूरी होते हैं | इसके अलावा इसे खाने से ताकत मिलती है | आइये जानते हैं इसके और क्या है स्वास्थ्यवर्धक लाभ |
 

क्या हैं मूंगफली खाने के फायदे

 
कब्ज़ दूर करे :- मूंगफली में मौजूद तत्व पेट से जुड़ी कई समस्याओं में राहत देने का काम करते हैं | इसके नियमित सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है |

 

त्वचा को कोमल और नम बनाये :- ओमेगा 6 से भरपूर मूंगफली त्वचा को भी कोमल और नम बनाती है | कई लोग मूंगफली के पेस्ट का इस्तेमाल फेसपैक के तौर पर भी करते हैं |

 

पाचन क्रिया को सुधारे :- मूंगफली खाने से शरीर को ताकत मिलती है | इसके अलावा ये पाचन क्रिया को भी बेहतर रखने में मददगार है साथ भूख न लगने की समस्या भी दूर हो जाती है।

 

प्रोटीन का खजाना :- सेल्स के बनने में प्रोटीन एक एहम भूमिका निभाता है। प्रोटीन नए सेल्स के बनने और पुराने सेल्स को ठीक करने का काम करता है |

 

हारमोंस का संतुलन बनाये रखे :- रोजाना थोड़ी मात्रा में मूंगफली खाने से महिलाओं और पुरुषों में हार्मोन्स का संतुलन बना रहता है। कामेच्छा में वृद्धि होती है |

 

बढ़ती उम्र के लक्षणों को रोके :- इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट बढ़ती उम्र के लक्षणों जैसे बारीक रेखाएं और झुर्रियों को बनने नहीं देते और त्वचा हमेशा जवान रहती है |

 

हड्डियाँ मज़बूत करे :- इसमें कैल्शियम और विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं इसलिए इसके सेवन से हड्डियाँ मजबूत बनती हैं |

 

गैस व एसिडिटी की समस्या दूर करे :- मूंगफली में तेल का अंश होने से यह पेट की बीमारियों को खत्म करती है। इसके नियमित सेवन से कब्ज की समस्या दूर होती है। साथ ही गैस व एसिडिटी की समस्या से भी राहत मिलती है।