अब पाएं कब्ज़ को दूर करने के कुछ सरल आयुर्वेदिक उपचार … जानिये क्या हैं ये उपाय

Ayurvedic treatment for constipation

आयुर्वेद के अनुसार कब्ज़ शरीर में वात के बढ़ने से होती है। वात प्रकृति वाले व्यक्तियों को कब्ज़ होने की संभावना ज्यादा रहती है। आयुर्वेद के अनुसार कब्ज़ का मूलभूत कारण हमारा भोजन है।  यदि भोजन में फाइबर और तरल पर्दार्थों की कमी हो तो हमारे मल को शरीर से बाहर निकलने में परेशानी होती है | इस अवस्था को हम कब्ज़ के नाम से जानते हैं | इसलिए आज हम आपके लिए इसे पूरी तरह से ठीक करने के लिए कुछ सरल घरेलु उपाय लेकर आये हैं जिनके उपयोग से आप आप कब्ज़ जैसी बड़ी समस्या से जल्द निजाद पा सकते हैं |

 

क्या हैं कब्ज़ को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार … जानिए
(
Ayurvedic Treatment for hard stool and constipation)

अनिमा का इस्तेमाल करें :- हल्के गर्म तिल के तेल से अनिमा लेने पर कड़े कब्ज़ में तुरन्त राहत मिलती है।

तिल के तेल का उपयोग करें :- तिल के तेल से पेट पर मालिश करने से भी कब्ज़ में आराम मिलता है।

खाने में इन खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करें :- कफ युक्त शरीर वालों के लिए बासमती चावल, कच्ची सब्जियाँ और फ़ल जैसे की सेब, केला, अंगूर का सेवन लाभदायक होता है।

ग्लिसरीन का इस्तेमाल करें :- ग्लिसरीन से पेट पर मालिश करने से भी कब्ज़ में आराम मिलता है।

त्रिफला चूर्ण का प्रयोग करें :- त्रिफला के सेवन से पुरानी कब्ज़ में बहुत आराम मिलता है। रात को सोते वक्त 5 ग्राम (एक चम्मच भर) त्रिफला चुर्ण हल्के गर्म दूध अथवा गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज़ दूर होती है।

ईसबगोल की भूसी और त्रिफला इस्तेमाल करें :- ईसबगोल की भूसी और त्रिफला  दो चम्मच मिलाकर शाम को गुनगुने पानी से लें इससे कब्ज़ दूर हो जाती है।

नीम का प्रयोग करें :- नीम पित्त दोष के लिए एक बहुत उपयुक्त जड़ी बूटी है। इसके उपयोग से पित्त दोष में आराम मिलता है और छोटी आँत की इन्फ्लेमेशन कम होती है जिस कारण वहाँ से मल को आगे बढ़ने में आसानी होती है।

 

Mucuna Pruriens or Kaunch is one of the most popular medicinal plant of sex treatment in India….know about its benefits for health…

Want a treatment for your sexual problem … ? Get assured herbal treatement ..

Mucuna is an annual twinning plant which is widespread all over most of the subcontinent and is found in bushes and low forests throughout the plains, hedges and dry-deciduous forests of India. All parts of Mucuna possess valuable and most important medicinal properties and therefore heaving a great demand of Mucuna in Indian markets. Mucuna pruriens have been long used to increase the sexual libido in both men and women. The beans of Mucuna pruriens is being also used on sportspersons to increase their muscle mass. These seeds also help in improving the memory power and help to gain weight which is lost due to excessive exercise.

 

Medicine acts as a great remedie for sexual problem

The beans of Mucuna pruriens are known to release L-dopa which combines with dopamine to restrict the release of prolactin hormone by the pituitary glands. As Prolactin is a hormone released by the pituitary gland which is considered to be the cause for erection failure in men. This medicine acts as a great remedie for such sexual problem. Oral intake of Mucuna pruriens seed helps in promoting fertility and improves erection.

 

Mucuna for more health problems

Some people also use Mucuna pruriens seeds for treating intestinal gas, diarrhea, cough, rheumatic disorder, muscular pain, diabetes, menstrual pain and tuberculosis.

Main benefits of Mucuna

  • It acts as a weight loss aid
  • It is used to stimulate growth of hormone – anabolic/androgenic
  • It help reduces spasms and relieves pain – analgesic/ antispasmodic
  • Help lowers blood sugar and blood pressure (hypo tensive)
  • It increases urination (uterine stimulant), help reduces fever (febrifuge) and it is a good cough suppressant
  • It calms nerves (nervine), reduces nerve pain (neurasthenic)
  • Aphrodisiac – increases libido and it is very good for impotency and erectile dysfunction
  • It help lowers cholesterol (hypo cholesterolemic)
  • It reduces inflammation – anti-inflammatory

Other Important Properties of  Mucuna

  • It help prevents or eliminates kidney stones (antilithic)
  • It expels gas (carminative)
  • It help kills parasites (antiparasitic) and expels worms (vermifuge)
  • It is a central nervous system stimulant
  • It is a menstrual stimulant

जानिये उल्टी या उबकाई से बचने के आयुर्वेदिक उपाय …. और पाएं इस परेशानी से छुटकारा मिनटों में ….

Ayurvedic Home Remedies For Nausea

उल्टी या उबकाई आने के कई अरण हो सकते हैं परन्तु समय पर इसे रोकने के लिए कुछ घरेलू नुस्खों का पता होना हर व्यक्ति के लिए ज़रुरी होता है |आज हम आपके लिए ऐसे ही कुछ उपायों को लेकर आये हैं जिनके उपयोग से आप इस परेशानी से जल्द छुटकारा पा सकते हैं| आइये जाने इनके बारे में …

कैसे दूर करे उल्टी या उबकाई को … जानिये इसके घरेलु उपाय

  • अदरक व प्याज का रस दो चम्मच पिलाने से उल्टी बन्द हो जाती है।
  • लू बुखारा मुंह में चूसने से उल्टी में लाभ होता है।
  • प्याज के रस में शहद मिलाकर चाटने से उल्टी बन्द हो जाती है।
  • नींबू की शिकंजी पीने से उल्टी में आराम मिलता है।
  • हरी धनिया तथा पुदीने की चटनी बार-बार लेने से उल्टी में आराम मिलता है।
  • जी मिचलाना शुरू होने पर नींबू पीने से भी उल्टी नहीं होती है।
  • बार-बार उल्टियां होने पर आंवले का मुरब्बा खाने से आराम मिलता है।
  • एक कप पानी में10 ग्राम शहद मिलाकर पीने से उल्टी रुक जाती है।
  • मौसमी का रस निकालकर उसमें थोड़ा सेंधा नमक डालकर एक-एक घंटे से पीने से उल्टी में फ़ायदा होता है।

 

सावधानी

यदि इन उपर्युक्त घरेलू नुस्खों को अपनाने से मरीज़ को कोई फायदा नहीं हो रहा हो तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें | समय रहते मरीज़ को सही इलाज दें |

बालों को तेजी से बढ़ाने के लिए तेल

Best Hair Oils For Faster Hair Growth

खूबसूरत बाल व्यक्तित्व में तो चार चांद लगाते ही हैं साथ ही अच्छे स्वास्थ्य की निशानी भी होते हैं। आजकल बालों का टूटना, गिरना या पतला होना एक आम समस्या हो गई है। अगर आप प्राकृतिक रूप से बालों की इन समस्याओं से छुटकारा चाहते हैं तो विभिन्न प्रकार के तेल आपकी समस्या का हल हैं।
इनसे बालों की ग्रोथ तो होगी ही, साथ ही स्कैल्प प्रॉब्लम, डैंड्रफ तथा अन्य समस्याएं भी ख़त्म होंगी। जानिए ऐसे ही कुछ तेल के बारे में जो हेयर ग्रोथ (Hair Growth) में लाभकारी होते हैं।

  1. भृंगराज तेल (Bhringraj oil)– भृंगराज तेल बालों का गिरना कम करता है, असमय बालों को सफेद होने से बचाता हैऔर बालों को तेजी से बढ़ाता है।
  2. कैस्टर हेयर ऑयल (Castor Hair Oil)– इस तेल में विटामिन ई, प्रोटीन और मिनरल प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो किबालों पर जादुई असर करते हैं। इसके माइक्रोबियल गुण डैंड्रफ तथा अन्य स्कैल्प प्रॉब्लम से दूर रखते हैं। इसमें मौजूद रिसिनोलैक एसिड(Ricinoleic Acid) स्कैल्प इनफ्लेमेशन तथा अन्य बीमारियों से बचाता है। कैस्टर ऑयल बालों को मुलायम बनाने के साथ ही उनकी ग्रोथ भी करता है।
  3. जैतून का तेल (Olive Oil)– यह सबसे अधिक मॉइश्चराइज हेयर ऑयल है। इसके विटामिन ई और एंटी ऑक्सीडेंट गुणबालों को स्वस्थ रखते हैं। इसके एंटी इंफ्लेमेटरी गुण बालों को गिरने से रोकते हैं, डैंड्रफ से बचाते हैं और बालों की ग्रोथ प्रोसेस तेज करतेहैं।
  4. तिल का तेल (Sesame Oil)– यह तेल बाल बढ़ाने की बहुत सी आयुर्वेदिक दवाइयों में बेस के तौर पर इस्तेमाल होता है।इसके एंटी माइक्रोबायल गुण स्कैल्प इन्फेक्शन, फंगल इन्फेक्शन आदि से दूर रखते हैं। यह बालों को पोषण देता है और इसमें मौजूदविटामिन ई हेयर ग्रोथ में मदद करता है।
  5. ऑर्गन ऑयल (Argan Oil)– यह तेल बालों को हाइड्रेट करता है। इसके एंटी ऑक्सीडेंट गुण डैमेज बालों को ठीक करते हैं।विटामिन ई और एफ बालों को तेजी से बढ़ाते हैं और उन्हें घना बनाते हैं। इस तेल से दोमुंहे बालों की समस्या से भी निजात मिलती है।इस तेल को ‘लिक्विड गोल्ड (Liquid Gold)’ भी कहा जाता है।
  6. जोजोबा ऑयल (Jojoba Oil)-मॉइश्चराइज गुण के कारण इस तेल को बालों और त्वचा के लिए बेहद अच्छा मानाजाता है। इसका रोजाना इस्तेमाल बालों को फ्रिज्ज़ फ्री (Frizz Free)रखता है और घना बनाता है। यह तेल नई कोशिकाओं को बनाता है जिससे बाल तेजी से बढ़ते हैं।
  7. नारियल तेल (Coconut Oil)– सबसे आसानी से मिलने वाला और बेहतर गुणों वाला तेल है। बालों को प्राकृतिक रूप सेकंडीशन करता है। इसमें मौजूद विटामिन ई और एंटी ऑक्सीडेंट गुण बालों को मुलायम रखते हैं, टूटने से बचाते हैं और दोमुंहे बाल होनेसे रोकते हैं। यदि इस तेल में भृंगराज, ब्राह्मी और करी पत्ता मिला दिया जाए तो बहुत कम समय में बाल बढ़ने लगेंगे।

 

समय पर इलाज ना मिलने से अल्सर हो सकता है जानलेवा ..

पाइये अल्सर से छुटकारा आयुर्वेदिक नुस्खों द्वारा

पेट में अल्सर एक खतरनाक बीमारी है  | अल्सर होने पर पेट के अंदर की सतह पर छाले हो जाते हैं जो धीरे-धीरे जख्मों में बदलने लगते हैं। अल्सर से परेशान व्यक्ति को कई अन्य शारीरिक समस्याएओं का सामना करना पड़ता है | पेट का अल्सर यानि पेप्टिक अल्सर दो तरह का होता है- एक डयूडिनल अल्सर और दूसरा है गैस्ट्रिक अल्सर। समय पर इलाज न मिलने से अल्सर के रोगी की मौत भी हो सकती है। इस रोग में रोगी को पेट संबंधी दिक्कते जैसे पेट में जलन, दर्द और उल्टी में खून आदि आने लगता है। कुछ समय बाद जब यह अल्सर फट जाता है तब यह उसके लिए जानलेवा बन जाता है।

क्या हैं अल्सर के मुख्य लक्षण … जानिए  

  • ड्यूडिनल अल्सर का मुख्य लक्षण है खाली पेट में दर्द होना और खाना खाने के बाद ही दर्द का ठीक होना। वहीं पेप्टिक अल्सर में इंसान को भूख कम लगती है।
  • मल से खून का आना।
  • सीने में जलन।
  • बदहजमी का होना।
  • वजन का अचानक से घटना। आदि

क्यों होता है अल्सर … जानिए इसके कारण

  • अत्याधिक दर्द निवारक दवाओं का सेवन करना।
  • अधिक धूम्रपान करना।
  • अधिक चाय या काफी पीना।
  • अधिक तनाव लेना।
  • अधिक गरम मसालें खाना।
  • गलत तरह के खान-पान करना।
  • अनियमित दिनचर्या।
  • हेलिकौबैक्ट पायलोरी बैक्टीरिया की वजह से।

क्या है अल्सर का आयुर्वेदिक इलाज… जानिए

  1. शहद :- पेट के अल्सर को कम करने के लिए शहद का इस्तेमाल करें क्यूंकि इसमें में ग्लूकोज पैराक्साइड होता है जो पेट के बैक्टीरिया को खत्म कर देता है |
  2. नारियल :- नारियल अल्सर को बढ़ने से रोकता है। नारियल में मौजूद एंटीबेक्टीरियल गुण और एंटी अल्सर गुण होते हैं इसलिए अल्सर के रोगी को नारियल तेल और नारियल पानी का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए।
  3. केला :- केले का नियमित सेवन अल्सर को बढ़ने से रोकता है। केले में भी एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो पेट की एसिडिटी को ठीक करते हैं। पका और कच्चा हुआ केला खाने से अल्सर के रोगी को फायदा मिलता है।
  4. सहजन :- दही के साथ सहजन के पत्तों का बना पेस्ट दिन में कम से कम एक बार अवश्य लें | इस उपाय से पेट के अल्सर में राहत मिलती है।
  5. लहसुन :- लहुसन की तीन कच्ची कलियों को कूटकर पानी के साथ सेवन करने से अल्सर जल्द ठीक हो जाता है ।
  6. गाय का दूध :- गाय के दूध में हल्दी मिलाकर पीने से रोगी को बहुत आराम मिलता है | हल्दी में मौजूद गुण अल्सर को बढ़ने नहीं देते हैं।

सलाह :- यदि समस्या हलकी ही है तो इसे घरेलु नुस्खों से नियंत्रित करने की कोशिश करनी चाहिए | अगर हालत ज्यादा ख़राब हो तो चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक हो जाता है कोई भी नुस्खे घर में अपनाने के दौरान अपने विवेक का इस्तेमाल ज़रूर करें आम तौर पर घरेलु नुस्खों से कोई नुक्सान नही होता पर किसी भी तरह की एलर्जी के दौरान या अन्य शारीरिक कमजोरी में डॉक्टर से परामर्श लेकर ही नुस्खे इस्तेमाल करें

इन हर्बल और आयुर्वेदिक उपायों से निश्चित होगा आपका हेयर रिग्रोथ

 

यह आम लोगों का सोचना है कि एक बार बालों के झड़ने से बाल दोबारा नहीं उगते | जबकि ऐसा नहीं है। हेयर रिग्रोथ की संभावना कम तब होती है यदि आपको कोई गंभीर बीमारी है या फिर किमोथेरेपी या किसी दवा के साइड इफेक्ट के कारण आपके बाल झड़ रहें हों | परन्तु यदि इनमें से कोई भी कारण नहीं है और आप स्वास्तिक रूप से ठीक हैं तो हेयर रिग्रोथ निश्चित रुप से होने लगेगा | हेयर रिग्रोथ तभी संभव है जब बालों की जड़ और उनकी कोशिकाओं को उचित पोषण मिलना शुरू होना | प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से बने तेल, पत्ते और औषधियों में ऐसे अद्भुत गुण होते हैं जो हेयर रिग्रोथ में काफी मदद करते हैं। आज हम आपके लिए ऐसे ही नुस्खे लेकर आये हैं जिनके प्रयोग से आप बालों को दुबारा पा सकते हैं | आइये जाने इसके बारे में …

 

क्या हैं बालों को दुबारा पाने के घरेलु नुस्खे … जरुर जानिये

 

अरंडी का तेल इस्तेमाल करें :- बालों के झड़ने की बड़ी वजह तनाव, अवसाद और विटामिन बी-7 की कमी होती है। इस समस्या को खत्म करने के लिए बालों की जड़ में अरंडी का तेल लगाएं और पहली बार इसे आजमाने वाले अरंडी के तेल में नारियल तेल, जैतून का तेल या फिर कोई ऐसा तेल मिला लें जो आसानी से अरंडी के तेल में मिल जाए। बायोटिन की गोलियां अवश्य खाना शुरू करें |

 

प्याज और लहसुन का इस्तेमाल करें :- प्याज और लहसुन में सल्फर की मात्रा पाई जाती है जो हेयर रिग्रोथ में काफी मदद करती है। इसके लिए कुछ ख़ास नहीं करना है, बस प्याज को काटकर जूस निकाल लेना है और इस जूस से बालों के जड़ की मालिश 15 मिनट तक करनी है। दूसरी तरफ आपको कुछ लहसुन के दाने के जूस निकाल कर उसे नारियल तेल में मिला देना है। फिर उसे कुछ देर तक उबालना है। जब यह ठंढा हो जाए तो इससे बालों के जड़ की मालिश करनी है।

 

आयुर्वेदिक हेयर वाश का इस्तेमाल करें :- आधा किलो शिकाकाई, मेथी एक पाव, करी पत्ता, तुलसी पत्ता और रीठा 100 ग्राम लें। इस सभी को मिला कर बालों को धोने लायक शैंपू बनाएं। इससे बालों की कई परेशानी दूर होने के साथ बालों में वृद्धि भी होगी।

 

भृंगराज तेल का इस्तेमाल करें :- भृंगराज के तेल से बालों की मालिश करें। इससे बहुत जल्दी बाल आने लगेंगे। यह तेल बालों को दुबार पाने के लिए बेहद असरदार माना जाता है |

 

एलोवेरा मास्क और नारियल तेल :- एलोवेरा के जूस और नारियल तेल का मिश्रण हेयर रिग्रोथ में काफी असरदार होता है। दोनों को कुछ इस तरह मिलाएं कि यह पेस्ट की तरह बन जाए। फिर इस पेस्ट को हेयर मास्क की तरह लगाएं। मास्क लगाने के बाद बालों की जड़ की मसाज भी करें। काफी फायदा दिखेगा।

 

जटामांसी का इस्तेमाल करें :- इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल आयुर्वेद में हेयर ग्रोथ के दवा के रुप में किया जाता है। इसे आप कैप्सूल की तरह खा भी सकते हैं और इसे सीधे बालों की जड़ में लगा भी सकते हैं।

जानिये आयुर्वेद के अनुसार कैसे करें दमा से बचाव … घरेलु नुस्खों द्वारा (Ayurvedic treatment for Asthma)

अस्थमा एक ऐसा रोग है जिसमें रोगी को सांस का दौरा कभी भी सकता है। यह रोग जानलेवा भी हो सकता है। ऐसे में इससे बचने के उपायों के बारे में हर व्यक्ति को पता होना बेहद आवश्यक होता है। आज हम आपके लिए अस्थमा से बचने के कुछ सरल घरेलु उपाय लेकर आये हैं जो अब तक आयुर्वेद में छुपे थे |

 

अस्थमा के मरीज़ को किन बातों का रखना चाहिए ख्याल … जानिए

  • अस्थमा के रोगी किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचें।
  • धूल, धुंआ, रुई, जानवरों के पंख, बालों के सम्पर्क में आने से बचें।
  • झींकते, खांसते समय रुमाल का प्रयोग करें।
  • जुकाम या खांसी होने पर लापरवाही न बरतें, जल्द से जल्द उसका उपचार करें।
  • सुगंधित या कृत्रिम रासायनिक द्रव्यों जैसे परफ्यूम, डियो आदि से परहेज करें।
  • फूलों के परागकणों को सांस के साथ अंदर जाने से रोकें।

 

अस्थमा के मरीज़ को कैसे रखना है खान पान का ध्यान …. जानिये (Diet for Asthma patient by Ayurveda)

आयुर्वेद के अनुसार अस्थमा में खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए | जानिये कैसे …

  1. अस्थमा के रोगी के लिए मोटे पिसे आटे की रोटियां, दलिये की खिचड़ी लाभदायक है।
  2. हल्का और जल्दी पचने वाला भोजन जैसे मूंग, मसूर की दाल इत्यादि का सेवन करें।
  3. हमेशा पीने के लिए गर्म पानी का प्रयोग करेँ।
  4. लहसुन, अदरक, मेथी, सोया, परवल, लौकी तरोई, टिंडे आदि का प्रयोग भोजन में अधिक से अधिक करें।
  5. मुनक्का व खजूर का प्रयोग लाभदायक होता है।

अब पाएं जुकाम से बचने के घरेलु उपाय (Ayurvedic Tips for Common Cold)

 

सर्दियों के मौसम में जुखाम होना एक आम बात होती है | जिसके लिए हम कई घरेलु उपाय करते है जैसे अदरक की चाय पीना , तुलसी मुलैठी का काढा आदि | जुकाम कई प्रकार के वायरस आदि के संक्रमण से होता है। आज हम आपको जुखाम को दूर करने के लिए ऐसे ही कई घरेलु उपायों के बारे बताने जा रहे है जिनके प्रयोग से आप जुखाम से दूर रह सकते है |

 

क्या है जुखाम से निजाद पाने के आयुर्वेद उपाय … ज़रूर जानिए

  • अधिक ठंड या तेज धूप व बरसात में भीगने से बचें |
  • किसी भी चीज को खाने से पहले हाथों को अच्छे से धोना चाहिए।
  • गीले वस्त्र न पहनें।
  • सर्दी में गरम कपड़े पहनकर रहें तथा सर को हमेशा ढंक कर रखें।
  • भीड़-भाड़ वाले स्थान पर तथा धूल से बचाव के लिए मुंह व नाक पर रूमाल या मास्क लगा कर रखना चाहिए।
  • जिन चीजों से एलर्जी हो उनसे बचकर रहें।
  • जुकाम, खांसी, फ्लू, न्युमोनिया व इन्फ्लुएंजा के रोगी के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए।

 

जुखाम में रखें किन बातों का ध्यान … जानिये

  • जुकाम होने पर गरम व कम भोजन के साथ गर्म पानी का प्रयोग अवश्य करें।
  • संक्रमण रोकने वाले अनाज, नींबू, गोभी, गाजर, प्याज, लहसुन, मसाले, अंकुरित दालें तथा जिंक से भरपूर भोज्य पदार्थों का सेवन करें |
  • चिकनाई रहित तरल पदार्थ जैसे मूंग की दाल के पानी में अदरक, काली मिर्च, लौंग, हींग आदि डालकर पीने से जुकाम में अवश्य राहत मिलेगी।
  • दूध, दही, मट्ठा, ठंडे पेय पदार्थों आदि से परहेज करना चाहिए।
  • ठंडी के मौसम में सीधी व तेज हवाओं के संपर्क से बचना चाहिए।
  • गुस्से या मानसिक तनाव से दूर रहें।
  • धूम्रपान, धूल, धुंआ आदि से बचना चाहिए।
  • कही बाहर से आने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए।
  • कड़ी धूप से बचना चाहिए।

माइग्रेन में किये जाने वाले घरेलु उपाय

माइग्रेन, एक ऐसी बीमारी जिसके मरीज दुनियाभर में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हमारे देश में भी इसकी तादाद बढ़ती जा रही है। सबसे बड़ा कारण है भागदौड़ की जिंदगी। जो तनाव से तो भरपूर है पर उससे मुक्त होने के लिए हम कोई उपाय नहीं करते। बस यही सारी वजहें धीरे-धीरे माइग्रेन के रुप में बदलने लगती हैं।

माना जाता है कि जैसे ही आप सामान्य स्थिति से एकदम तनाव भरे माहौल में पहुंचते हैं तो सबसे पहले आपका सिर दर्द बढ़ता है। ब्लडप्रेशर हाई होने लगता है और लगातार ऐसी स्थितियां आपके सामने बनने लगे तो समझिए आप माइग्रेन के शिकार हो रहे हैं।

 

माइग्रेन से बचने के उपाय (Ayurvedic tips for Migraine Pain)

1.संतुलित व पौष्टिक आहार का प्रयोग करें।

2.भोजन का समय तय कर समयनुसार भोजन करें।

3.किसी भी बात का तनाव न ले और सकारात्मक विचार बनाए रखें।

4.अपनी पूरी नींद ले।

5.थकान महसूस होने पर विश्राम करें।

6.हल्के हाथ से सर में मालिश करें।

7.खुद को व्यस्त रखें और ऐसे काम जिससे आपका मन संतुष्ट हो।

8.किसी भी तरह के विवाद और तनाव से बचें। किसी से घमंड न करें।

 

बीमारी होने पर आहार का रखें ध्यान (Diet in Migraine)

माइग्रेन की शिकायत होने पर रोगी को अपने खाने पीने का विशेष ख्याल रखना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार माइग्रेन के रोगी को अपने खाने में निम्नलिखित चीजों का प्रयोग करना चाहिए-

1.संतुलित व पौष्टिक आहार ही खाएं।

2.देशी घी (विशेष तौर पर गाय के घी) से बना पदार्थ जैसे मालपुआ, जलेबी, हलुआ आदि का आधिक प्रयोग करें।

3.देशी घी में चीनी मिलाकर खाने से माइग्रेन में आराम मिलता है।

4.माइग्रेन होने पर ताजे फल व हरी सब्जियों का बहुत ज्यादा प्रयोग करें।

5.पौष्टिक तत्वों के लिए दूध, दलिया व पनीर का बहुत अधिक प्रयोग करें।

नेचुरल हेयर प्रोडक्टस जो रखें आपके बालों को स्वस्थ

(Natural Hair Products For Healthy Hair)

कलर, डाई, जेल या अन्य हेयर प्रोडक्ट्स बालों की सेहत को बिगाड़ते हैं। बालों की सेहत बालों की जड़ से है। बालों की जड़ों को पोषण कुदरती जड़ी-बूटियों, तेल, पत्तियों के पेस्ट और फलों के हेयर पैक से मिलती है। आइए जानते हैं उन नेचुरल हेयर प्रोडक्ट्स के बारे में जो बालों की जड़ों को पोषण देते है और बालों को सेहतमंद बनाते हैं।

महाभृंगराज (Mahabhringraj)

महाभृंगराज को बालों की देखभाल में सर्वोत्तम माना गया है। इसे आयुर्वेद में हर्बल किंग के नाम से जाना जाता है। यह बालों को सफेद होने, झड़ने और टूटने से बचाता है। इसके इस्तेमाल से बाल काले, घने, लंबे और चमकदार बने रहते हैं। भृंगराज का सेवन सुबह चूर्ण बना कर खाने में किया जाता है। इसके बने तेल को भी बालों की जड़ों में लगाया जाता है। इसे पीस कर पेस्ट बनाते हैं और फिर बालों में लगाते हैं।

सुगंधित जटामांसी (Spikenard)

इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल आयुर्वेद में हेयर ग्रोथ के दवा के रुप में किया जाता है। इसे आप कैप्सूल की तरह खा भी सकते हैं और इसे सीधे बालों की जड़ में लगा भी सकते हैं। इसे लगाने से बालों में चमक आता है और यह रक्त की अशुद्धि को भी दूर करता है।

मेथी (Methi)

मेथी सबसे प्रचलित हर्ब्स है जो हर घर के किचन में दाल को छौंकने और कई तरह के व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद में इसे हेयर ग्रोथ के लिए दवा के रुप में इस्तेमाल किया जाता है। सूखे और भुने हुए मेथी को ग्राइंडर में कूट लें। इसके चूर्ण को गरम पानी में मिला कर पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को बालों में लगा लें। करीब 20 मिनट के बाद बालों को धो लें। बाल काले, घने और लंबे होंगे।

आंवला (Anvala)

बालों की देखभाल में आंवला का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। यह आसानी से मिलता है और नेचुरल हेयर प्रोडक्टस में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। बालों के झड़ने-गिरने की समस्या का सबसे सटीक इलाज आंवला के सेवन से ही होता है। आंवला जल से बाल धोना, बालों की जड़ में आंवला तेल की मालिश, सुबह आंवला चूर्ण का सेवन समेत आंवले का इस्तेमाल कई तरीके से बालों की देखभाल के लिए किया जाता है। आंवला में विटामिन सी की मात्रा सबसे ज्यादा होती है जो हेयर ग्रोथ के लिए काफी जरुरी है।

शिकाकाई (Shikakai)

लंबे और रेशमी बालों के लिए बालों को शिकाकाई से धोना सबसे कारगर उपाय है। शिकाकाई के इस्तेमाल से केश सफेद नहीं होते और बाल काले, घने और लंबे होते हैं। शिकाकाई और सूखा आंवला 25-25 ग्राम कूट लें। रात में दोनों को आधा लीटर पानी में भींगने के लिए छोड़ दें। सुबह इस पानी को मसलकर कपड़े से छान लें और इसे सिर पर मलें। बालों की जड़ों की मालिश करें। दस मिनट बाद स्नान कर लें। केश सूखने के बाद केश में नारियल तेल लगाएं। केश रेशम की तरह मुलायम और चमकदार हो जाते हैं।

रीठा (Reetha)

रीठा को आयुर्वेद में स्वदेशी शैंपू के नाम से जाना जाता है। बालों के सौंदर्य निखार के लिए रीठे से बाल धोने को सबसे कारगर उपाय माना गया है। इसके इस्तेमाल से बाल मुलायम और चमकीले होते हैं। रात में रीठे के छिलके के छोटे-छोटे टुकड़े करके पानी में भिंगो दें। सुबह उस पानी को मसलकर अथवा उबाल कर छान लें। फिर उस पानी से बाल धोएं। इसे आजमाने से बाल मुलायम और रेशम की तरह चमकीले होते हैं।

और भी हैं कई नेचुरल हेयर प्रोडक्टस (Other Natural Hair Products)

  • करी पत्ता
  • ब्राह्मी
  • एलोवेरा
  • नींबू और खीरा
  • एप्पल साइडर विनेगर
  • एवाकोडो
  • तुलसी पत्ता
  • नीम
  • अश्वगंधा
  • जाजोबा तेल
  • अरंडी तेल
  • बेकिंग शोडा शैंपू
  • मुल्तानी मिट्टी शैंपू
  • अंडे का हेयर मास्क