पाइये अल्सर से छुटकारा आयुर्वेदिक नुस्खों द्वारा
पेट में अल्सर एक खतरनाक बीमारी है | अल्सर होने पर पेट के अंदर की सतह पर छाले हो जाते हैं जो धीरे-धीरे जख्मों में बदलने लगते हैं। अल्सर से परेशान व्यक्ति को कई अन्य शारीरिक समस्याएओं का सामना करना पड़ता है | पेट का अल्सर यानि पेप्टिक अल्सर दो तरह का होता है- एक डयूडिनल अल्सर और दूसरा है गैस्ट्रिक अल्सर। समय पर इलाज न मिलने से अल्सर के रोगी की मौत भी हो सकती है। इस रोग में रोगी को पेट संबंधी दिक्कते जैसे पेट में जलन, दर्द और उल्टी में खून आदि आने लगता है। कुछ समय बाद जब यह अल्सर फट जाता है तब यह उसके लिए जानलेवा बन जाता है।
क्या हैं अल्सर के मुख्य लक्षण … जानिए
- ड्यूडिनल अल्सर का मुख्य लक्षण है खाली पेट में दर्द होना और खाना खाने के बाद ही दर्द का ठीक होना। वहीं पेप्टिक अल्सर में इंसान को भूख कम लगती है।
- मल से खून का आना।
- सीने में जलन।
- बदहजमी का होना।
- वजन का अचानक से घटना। आदि
क्यों होता है अल्सर … जानिए इसके कारण
- अत्याधिक दर्द निवारक दवाओं का सेवन करना।
- अधिक धूम्रपान करना।
- अधिक चाय या काफी पीना।
- अधिक तनाव लेना।
- अधिक गरम मसालें खाना।
- गलत तरह के खान-पान करना।
- अनियमित दिनचर्या।
- हेलिकौबैक्ट पायलोरी बैक्टीरिया की वजह से।
क्या है अल्सर का आयुर्वेदिक इलाज… जानिए
- शहद :- पेट के अल्सर को कम करने के लिए शहद का इस्तेमाल करें क्यूंकि इसमें में ग्लूकोज पैराक्साइड होता है जो पेट के बैक्टीरिया को खत्म कर देता है |
- नारियल :- नारियल अल्सर को बढ़ने से रोकता है। नारियल में मौजूद एंटीबेक्टीरियल गुण और एंटी अल्सर गुण होते हैं इसलिए अल्सर के रोगी को नारियल तेल और नारियल पानी का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए।
- केला :- केले का नियमित सेवन अल्सर को बढ़ने से रोकता है। केले में भी एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो पेट की एसिडिटी को ठीक करते हैं। पका और कच्चा हुआ केला खाने से अल्सर के रोगी को फायदा मिलता है।
- सहजन :- दही के साथ सहजन के पत्तों का बना पेस्ट दिन में कम से कम एक बार अवश्य लें | इस उपाय से पेट के अल्सर में राहत मिलती है।
- लहसुन :- लहुसन की तीन कच्ची कलियों को कूटकर पानी के साथ सेवन करने से अल्सर जल्द ठीक हो जाता है ।
- गाय का दूध :- गाय के दूध में हल्दी मिलाकर पीने से रोगी को बहुत आराम मिलता है | हल्दी में मौजूद गुण अल्सर को बढ़ने नहीं देते हैं।
सलाह :- यदि समस्या हलकी ही है तो इसे घरेलु नुस्खों से नियंत्रित करने की कोशिश करनी चाहिए | अगर हालत ज्यादा ख़राब हो तो चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक हो जाता है कोई भी नुस्खे घर में अपनाने के दौरान अपने विवेक का इस्तेमाल ज़रूर करें आम तौर पर घरेलु नुस्खों से कोई नुक्सान नही होता पर किसी भी तरह की एलर्जी के दौरान या अन्य शारीरिक कमजोरी में डॉक्टर से परामर्श लेकर ही नुस्खे इस्तेमाल करें