Ayurvedic treatment for constipation
आयुर्वेद के अनुसार कब्ज़ शरीर में वात के बढ़ने से होती है। वात प्रकृति वाले व्यक्तियों को कब्ज़ होने की संभावना ज्यादा रहती है। आयुर्वेद के अनुसार कब्ज़ का मूलभूत कारण हमारा भोजन है। यदि भोजन में फाइबर और तरल पर्दार्थों की कमी हो तो हमारे मल को शरीर से बाहर निकलने में परेशानी होती है | इस अवस्था को हम कब्ज़ के नाम से जानते हैं | इसलिए आज हम आपके लिए इसे पूरी तरह से ठीक करने के लिए कुछ सरल घरेलु उपाय लेकर आये हैं जिनके उपयोग से आप आप कब्ज़ जैसी बड़ी समस्या से जल्द निजाद पा सकते हैं |
क्या हैं कब्ज़ को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार … जानिए
(Ayurvedic Treatment for hard stool and constipation)
अनिमा का इस्तेमाल करें :- हल्के गर्म तिल के तेल से अनिमा लेने पर कड़े कब्ज़ में तुरन्त राहत मिलती है।
तिल के तेल का उपयोग करें :- तिल के तेल से पेट पर मालिश करने से भी कब्ज़ में आराम मिलता है।
खाने में इन खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करें :- कफ युक्त शरीर वालों के लिए बासमती चावल, कच्ची सब्जियाँ और फ़ल जैसे की सेब, केला, अंगूर का सेवन लाभदायक होता है।
ग्लिसरीन का इस्तेमाल करें :- ग्लिसरीन से पेट पर मालिश करने से भी कब्ज़ में आराम मिलता है।
त्रिफला चूर्ण का प्रयोग करें :- त्रिफला के सेवन से पुरानी कब्ज़ में बहुत आराम मिलता है। रात को सोते वक्त 5 ग्राम (एक चम्मच भर) त्रिफला चुर्ण हल्के गर्म दूध अथवा गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज़ दूर होती है।
ईसबगोल की भूसी और त्रिफला इस्तेमाल करें :- ईसबगोल की भूसी और त्रिफला दो चम्मच मिलाकर शाम को गुनगुने पानी से लें इससे कब्ज़ दूर हो जाती है।
नीम का प्रयोग करें :- नीम पित्त दोष के लिए एक बहुत उपयुक्त जड़ी बूटी है। इसके उपयोग से पित्त दोष में आराम मिलता है और छोटी आँत की इन्फ्लेमेशन कम होती है जिस कारण वहाँ से मल को आगे बढ़ने में आसानी होती है।