आजकल हम सभ की जिंदगी बहुत व्यस्त हो गई है । कई लोगों के पास तो आराम से बेठ कर खाना खाने तक का टाइम नहीं होता । लोग मशीन की तरह काम कर रहें हैं , जिससे उनकी जिंदगी में तनाव और अनिद्रा बनी रहती है । माता पिता अपने बचों को पूरा समय नहीं दे पाते जिससे उनको अकेलापन महसूस होता है और वेह अपनी भावनाओं को दबा कर रखते हैं । लोग कोम्पुटर और मोबाइल पर सारा दिन लगे रहते हैं जिससे माइग्रेन की समस्या उत्पन्न हो सकती है । यह बीमारी पुरुषों एवं महिलाओं दोनों में देखि जाती है , अधिकतर महिलाऐं इससे पीड़ित होती हैं । माइग्रेन की बीमारी दिनों दिन बढती जा रही है । वात वर्धक आहार का अधिक सेवन करने जेसे चावल,राजमह,उड़द की दाल,आलू , मटर ,सफ़ेद चने,कड़ी,लस्सी अदि से माइग्रेन होता है । ज्यादा देर तक भूखे रहने से भी हो सकता है ।
माइग्रेन के लक्षण :
# सर में दर्द रहता है यह दर्द पूरे सर में या आधे सर में हो सकता है
# कभी कभी बहुत तेज दर्द होता है या कभी हल्का दर्द होता है ।
# उलटी आने का मन होना या कई बार उलटी अ जाती है ।
# कई रोगीओं को उलटी आने के बाद थोरा दर्द में आराम मिलता है ।
# माइग्रेन का दर्द कुछ दिन से लेकर कई महीनों तक रह सकता है ।
# माइग्रेन में धयान केन्द्रित नहीं रह पाता ।
# भूख कम लगती है ।
# सोचने की शक्ति कम हो जाती है ।
# यादाश्त कमजोर हो सकती है ।
माइग्रेन में सलाह :
# पर्याप्त मात्र में एवं समय पर भोजन करें ।
# रोजाना 30 मिनट व्यायाम करें ।
# पदमासन 30 मिनट करें ।
# बादाम का सेवन जरुर करें रोजाना १० बादाम खाएं इससे ब्रेन को ताकत मिलती है ।
# काफी में कैफीन होता है जिससे दर्द में में राहत मिलती है ।
# रोजाना २ सेब खाएं ।
# भरपूर नींद लें ।
# रोजाना नाक में २-२ बूँद गाये का घी डालें ।
# कम आवाज में धार्मिक संगीत सुने ।
# लहसुन , अदराक एवं हींग का सेवन ज़रूर करें इससे अधिक हुआ वात शांत होगा और दर्द कम होगा ।
# शिरोधारा एक आयुर्वेदिक पद्धति है जिससे लगातार करवाने से माइग्रेन बिलकुल ठीक हो जाता है और ढ़ां केन्द्रित करने में भी यह बहुत उपयोगी है ।
माइग्रेन को नजरंदाज नहीं करना चाहिए आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरूर लें । अधिक पैन किलर्स न लें क्यूंकि पैन किलर्स खाने से लीवर और गुर्दों पे बहुत बुरा असर पड़ता है ।