कंधे का दर्द ( frozen shoulder )

आजकल काफी लोगों में कंधे का दर्द देखने को मिलता है । कुछ लोग इसे नज़रन्दाज कर देते हैं पर आगे चलके ये और ज्यादा घम्भीर रूप ले लेता है और दिन रात तकलीफ देता है । कंधे का दर्द मस्पेशिओं की सोजिश के कारण हो सकता है या सुगर के रोगीओं में शोल्डर जॉइंट में जकड़न से भी हो सकता है । ए सी के सामने या नीचे सोने से बाजु में जकड़न हो सकती है जिससे दर्द होता है । हिलाने डुलाने से दर्द होता है । आमतोर पर फ्रोजेन शोल्डर धीरे धीरे बनता है । कंधे की कोमल मास्पेशिया उम्र के साथ धीरे धीरे प्राकृतिक रूप से बिगड़ने लगती हैं । यह 40 से 70 साल की उम्र के लोगों में देखने को मिलता है । अधिक वात वर्धक आहार जेसे चावल,राजमह,उड़द की दाल,आलू,मटर,सफ़ेद चने,गोभी,कड़ी,लस्सी अदि से वात अधिक होने से भी कंधा जाम हो सकता है ।

फ्रोजेन शोल्डर के लक्षण :

हर समय कंधों में दर्द रहता है ।

कंधा सुन्न हो सकता है ।

कंधे को थोड़ा भी हिलाने से दर्द होता है ।

बाजु पीछे की तरफ करने में तकलीफ होती है ।

सोते समाये दर्द के कारण नींद खुल जाती है ।

बाजु से कोई सामान उठाया नै जाता ।

कंधो के दर्द से बचने के उपाए :

रोजाना व्यायाम करना चाहिए जिससे मस्पेशिओं में जकड़न न हो ।

कम करते वक्त बीच बीच में बाजु को घुमाते रहें ।

बाजु के भार ना सोयें ।

ठण्ड के मोषम में गर्म कपड़े जरूर पहने कंधे को ठण्ड न लगने दें ।

रोजाना कंधे की तिल के तेल से मालिश करें ।

भोजन में विटामिन एवं कैल्सियम पर्याप्त मात्रा में लें ।

गर्म पानी की बोतल से सिकाई करें ।

दूध में हल्दी डालकर पिएँ ।

वात वर्धर आहार का परहेज रखें  ।

झुक कर न बेठें ।

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